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Showing posts from October, 2018

मुसकुराते हैं आप (Muskuraate Hain Aap)

दूर कहीं वादियों में चहकते हैं आप , फूलों के संग खिलके महकते हैं आप ; मेरे दिल के वीराने में बाहर होती है जब भी मुसकुराते हैं आप । Dur kahin waadiyon mein chehekate hain aap phulon ke sang khilkar mehekate hain aap mere dil ke viraane mein bahaar hoyi hai jab bhi muskuraate hain aaap।

वादे न थे (Wade Na The)

 कोई फूल खिले साकी गुलशन के ईरादे न थे अगर,टुट भी जाते तो गम न होता पर काफीर के कोई वादे न थे । Koi phool khile saki  gulshan ke iraade na the' gar tut bhi jaate to gam na hota; par kaafir ke koi wade na the

सवाल कर दिया (Sawal Kar Diya)

                      धड़कता था जो सिने में मेरे,                      वो धड़कन उन्हें निकाल कर दिया..                      बड़ी मुश्किल से आई थी जुबाँ पे दिल की हसरत ,                      वो खमोश होकर मेरी ईल्तीजा को सवाल कर दिया  । Dhadakta tha jo sine mein mere, wo dhadkan "unhein" nikaal kar diya.. badi mushkil se aai thi zubaan pe dil ki hasarat "wo" khamosh hokar, meri iltiza ko sawal kar diya

मुझे बर्बाद करके (Mujhe Barbaad Karke)

हाँ बैठे हैं उन्हें याद करके, उनको तो सुकुन होगा मुझे बर्बाद करके,  बड़ा मुश्किल है फिरभी खुद-को समझा रहे हैं , एक वो हैं जो सबकुछ भूला कर मुस्कुरा रहे हैं  । Han Baithe hain "unhein"yaad karke , "unko"to sukun hoga mujhe barbaad karke bada mushkil hai phir bhi khud ko samjha rahe hain; ek "wo"hain jo sab kuchh bhula kar muskura rahe hain.

मुकद्दर कहाँ (Mukaddar Kahan)

बिछाए थे फूल हमने भी राहों मे उनके, पर वो मुकद्दर कहाँ उन राहों का , जो उनके कदमों का दिदार हो । Bichhae the phool hamne bhi rahon mein unke , par wo mukadda kahan un rahon ka ; jo unke kadmon ka didar ho.

कभी पुछते हमसे (Kabhi Puchhte Hamse)

कभी पुछते हमसे की आपसे कितना प्यार करते हैं, कह देते हर पल हर घड़ी पर कैसे कहें ? ये घड़ी भो रुक-रुक के चलती है । Kabhi puchhte hamse ki aapse kitna pyaar karte hain keh dete har-pal, har-ghadi; par kaise kahun ? ye ghadi bhi ruk-ruk ke chalati hai

तस्वीर आपकी (Tasveer Aap Ki)

चेहरे पर मुस्कान चमकती शक्ल आपकी , वो भीड़ थी जो ;        कुछ छुपा गए हमसे ; वर्ना कुछ कहती है तस्वीर आपकी Chehre par muskaan chamakti shakla aapki, wo bhid thi jo ;     kuchh chhupa gaye hamse; warna kuchh kehti hai tasveer aapki

पल्कों के शामियाने (Palkon Ke Shamiyaane)

अरमानों के तख्तों पे सजाया है आपको,  पल्कों के शामियाने में बिठाया है आपको,  वो हैं कि समझते नही देख कर भी, जो मेरी आखों ने कई बार बताया है आपको। Armaanon ke takhton pe sajaya hai aapko palkon ke shamiyaane mein bithaya hai aapko wo hain ki samajhte nahin hain dekh kar bhi; jo meri aankhon ne kai baar bataya hai aapko.

किसी लमहें जिंदगी (Kisi Lamhein Jindagi)

किसी लमहें जिन्दगी का कोई फसाना बन जाने दो, या थाम लो अपनी साँसे या , धड़कनों को मचल जाने दो परवा क्या दिल रख दिया जब राहों में किसी के चाहे सिने से लगाए या कुचल जाने दो  । Kisi-lamhein jindagi ka koi fasana ban jaane do Ya thaam lo apni saansein ya dhadkanon ko machal jaane do Parwah kya jab rakh diya dil rahon mein kisi ke chahe sine se lagaae ya kuchal jaane do

ना चीज़ है (Na Chiz Hai)

हर हसते हुए चेहरे में दिल नहीं होता, कोई साथ ना हो तो मेहफील नहीं होता अरे वो चीज भी भला कोई चीज  है, जो ईश्क में शामील नहीं होता । Har haste hue chehre mein dil nahin hota, Koi saath nade to mehil nahin hota, Are wo chiz bhi bhala koi chiz hai ; Jo ishque mein shaamil nahin hota.       

Ghata shayari - घटा शायरी

किसी टूटी हुई कश्ती का किनारा बनके , बस गए वो मेरे पलकों पर आशियाँ बनके हमने तो समझ रक्खा था पतझड़ों को मुकद्दर अपना ; और आप बरसे हैं घटा बनके। Kisi tuti hui kashti ka kinara banke, Bas gaye wo mere palkon par ashiyaan banke, Hamne to samajh rakhha tha patjhadon ko mukaddar apna ; Aur aap barse hain ghata banke.

Kati Lakir Shayari - कटी लकीर शायरी

चाहा था हमने भी उनको ,पर मेरे हाथों पर कटी लकीर थी रब जाने वो बेवफा थी ,या मेरी तक़दीर थी। Chaha tha hamne bhi unko par mere haathon par kati lakir thi rab jaane wo bewafa thi ya mri taqdir thi.

Jazbaat hindi shayri - जज़्बात हिन्दी शायरी

मेरे जज़्बातों का इस तरह हसर करके , चले गए "वो "मेरी आँखों को समंदर करके। Mere jazbaaton ka is tarah hasar karke chale gaye "wo"meri aankhon ko samandar karke.

Ek Dor Shayari - एक दौर शायरी

हमें छोड़ कर जो गुजरा है कारवां , पहुँच गया होगा मंज़िल तक वो ; एक दौर गुजर गया, पर हम उसी  राह पर अब भी खड़े हैं। HAMEIN CHHOD KAR JO GUJARA HAI KARWAN PAHUNCH GAYA HOGA MANZIL TAK WO EK DOUR GUJAR GAYA PAR HAM USI RAAH PAR AB BHI KHADE HAIN

Tamannaon Ki Shayri - तमन्नाओं की शायरी

वो चाहती थी मैं मरता रहूं,और वो देखती रहे : लो उनसे मोहोब्बत करके उनकी  ये तमन्ना भी हमने पूरी करदी। Wo Chahati thi main marta rahun wo dekhti rahe.lo unse ishque karke unki ye tamanna bhi hamne puri kardi

Khayaal love shayari hindi - ख़याल लव शायरी हिन्दी

भूले  नहीं हैं हम ,उन्हें भी ख़याल होगा , लाख दिखा लें चेहरे से,  पर कुछ तो उन्हें भी मलाल होगा। Bhule nahin hain 'unhein bhi khayal hoga laakh dikha lein chehre se par kuchh to unhein bhi malal hoga.

Mohobbat Baaki Hai - मोहोब्बत बाकी है

बेरंग लोटा हूँ 'तेरे" जाने के बाद न बहारें , न वो मौसम है "तेरे" जाने के बाद वो लम्हें, वो सिलसिले सब छूट गए ! बस! मोहोब्बत बाकी है 'तेरे" जाने के बाद।  Berang louta hun tere jaane ke baad, Na bahaarein,na wo mausam hai tere jaane ke baad; Wo Lamhein,wo silsile sab chhut gaye ! Bas mohobbat baaki hai tere jaane ke baad.

उफ ये मोहोब्बत - Uff Ye Mohobbat

मार रही है थोड़ा -थोड़ा, हमें जीने भी नहीं देती ; उफ़! ये मोहोब्बत हमें मरने भी नहीं देती Maar rahi hai thoda-thoda hamein jine bhi nahin deti Uff ! ye mohobbat hamein marne bhi nahin deti.                          

मिलती होगी मोहोब्बत -Milti Hogi Mohobbat

मिलती होगी "मोहोब्बत" में मंज़िल भी शायद ! भला सब लकीर के सिकंदर कहाँ होते हैं । Milti hogi mohobbat mein manzil bhi shayad, Bhala sab lakir ke sikandar kahan hote hain.                                                       

बिछड़े हैं जबसे (Bichhde Hain Jabse)

बिछड़े हैं जबसे तुमसे ,तुम्हें याद करते हैं। ए-खुदा मिले कभी हम, फ़रियाद करते हैं।                                                                                  पलकें कभी उठाना ,पलकें कभी झुकाना ,,              उलझन में जैसे खुदसे सवाल करते हैं ;; ए-खुदा मिले कभी हम फ़रियाद करते हैं। चाँद का फलक पे आना ,आकर हमें सतना ; सागर में आके लहरें जैसे चाँद करते हैं ;; ए-खुदा मिले कभी हम फ़रियाद करते हैं।                                       ''''शायरी '''' उनकी हर शोख -अदा परेशान करती है ! चाहते हैं कह दे उनसे ,पर हर कोशिश नाकाम होती है। कैसे उन्हें भुलाएं, कह भी कभी न पाएं,, ये जुबान भी मुझसे धोके बार-बार करती है ए-खुदा मीलें कभी हम फ़रियाद करते ...

चाहत है ये (Chahat Hai Ye)

चाहत है ये नज़रों का मिलना या महज़ एक इत्तेफ़ाक़ सवाल किसका करेंगे , गर आप भी चले गए हमें छोड़ कर तो इंतजार किसका करेंगे। CHAHAT HAI YE NAZARON KA MILNA YA MAHAZ ITTAFAK SAWAL KISKA KARENGE GAR AAP BHI CHALE GAYE  HAMEIN CHHOD KAR TO INTAZAAR KISKA KARENGE

महबूब लगती है (Mehboob Lagati Hai)

जज्बातों का उलझा वो शायर हूँ मैं , अपनी शायरी भी हमें मेहबूब लगती है। JAZBATON KA ULJHA WO SHAYAR HUN MAIN APNI SHAYARI BHI HAMEIN MEHBOON LAGATI HAI.

वक़्त की शय (Waqt Ki Shay)

हर वक़्त की शय से चुरा ले गए ' "आप" क्या हैं मेरी जिंदगी में बता के गए ; मिट जाएगी ए-सनम हस्ती मेरी ... जो आप मुझे देगा दे गए।   HAR WAQT KI SHAY SE CHURA LE  GAYE AAP KYA HAIN MERI JINDAGI MIN BATA KE GAYE MIT JAAEGI AYE-SANAM HASTI MERI JO AAP MUJHE DAGA DE GAYE                                             

खयाल उनके (Khayal Unke)

दिल में आते ख़याल 'उनके 'निंदों में 'उनके' सपने ; कितने हसीन होते हैं चेहरे ..जब दूर होते हैं अपने।  DIL MEIN AATE KHYAAL UNKE NINDON MEIN UNKE SAPNE KITNE HASIN HOTE HAIN CHEHRE JAB DUR HOTE HAIN APNE       

अरमान जगलबा (Armaan Jagalba)

देखके तोहके अरमान जगलबा ' खिलगइली सब कलियाँ दिल के ; डर लगतबा रूठ -का-जइबू  ? कैसे बताईं बतिया दिल के। DEKHKE TOHKE ARMAAN JAGALBA KHIL-GAILI SAB KALIYAN DIL KE DAR LAGATBA RUTH KA-JAIBU KAISE BATAIN BATIYAA DIL KE

हसीन चेहरों पर (Hasin Chehron Par)

कुछ हसीं चेहरों पर छुपे कुछ राज होते हैं , वो जानते हैं सबकुछ पर बनकर अनजान रहते हैं। KUCHH HASIN CHEHRON PAR CHHUPE KUCHH RAAJ HOTE HAIN WO JAANTE HAIN SAB KUCHH PAR BANKAR ANJAAN REHTE HAIN

तुझको खबर कहाँ -Tujhko Khabar Kahan

लगती  है विरान जिंदगी सूना सारा जहाँ ' जलता है तेरे याद में कोई पर तुझको खबर कहाँ। LAGATI HAI WIRAAN JINDAGI SUNA SAARA JAHAN JALTA HAI TERE YAAD MEIN KOI PAR TUJHKO KHABAR KAHAN

तनहाइयाँ मुस्कुराने लगी -Tanhaiyaan Muskuraane Lagi

तन्हाईयाँ मुस्कुराने लगी हैं 2 दिल की लगी जबसे उनसे लगी है  2 तन्हाईयाँ_______लगी हैं। रूठी थी मुझसे वहां तक वफ़ाएं , ख्वाब मैंने सजा कर जहाँ तक रखे थे ; ख्वाब दिल के मेरे झिलमिलाने लगे हैं। तन्हाईयाँ ________लगी  हैं। थे वो फूल फिर भी रहे हो के पत्थऱ सह लिए सारे उनके सितम मैंने हंसकर थे कल के जो पत्थऱ पिघलने लगी हैं। तन्हाईयाँ ________लगी हैं। देगा वक़्त का और इलज़ाम तेरा , मंजूर लव को था खामोश रहना ; लव की ख़ामोशी अब गुनगुनाने लगी हैं। तन्हाईयाँ________लगी हैं। मुस्कुराएं हैं जबसे मौसम बदल रहे हैं , सुनी हर शाख अब फूलों से भर गए हैं ; उनके अंदाज़ गुलशन को भाने लगे  हैं 2 की जबसे पलकें उठा के झुकाने लगे हैं। तन्हाईयाँ _______लगी हैं। TANHAIYAN MUSKURANE LAGI HAIN 2 DIL KI LAGI JABSE UNSE LAGI HAI 2 TANHAINYAN..............LAGI HAI .   RUTHI THI MUJHSE WAHAN TAK WAFAEIN KHWAB MAINE SAJA KAR JAHAN TAK RAKHE THE KHWAB DIL KE MERE JHILMILAANE LAGE HAIN TANHAIYAN................LAGI HAIN . THE WO PHOOL PHIR BHI RAHE HO KE PAT...

तो क्या हुआ (To Kya Hua)

चला गया "वो" 'हमें' छोड़ कर,तो क्या हुआ , न आया लौटकर तो क्या हुआ ; जो वफ़ा के काबिल न था वो पराया हुआ तो क्या हुआ गुलज़ार भी होता होगा "गूल " कहीं-न-कहीं कोई 'गुलशन' वीरान हुआ तो क्या हुआ। CHALA GAYA WO HAMEIN CHHOD KAR TO KYA HUA NA AYAA LOUTKAR TO KYA HUA JO WAFA KE QUABIL NA THE WO PARAYA HUA TO KYA HUA GULZAAR BHI HOTA HOGA GUL KAHIN-NA-KAHIN KOI GULSHAN WIRAAN HUA TO KYA HUA.

मुसकुराना छोड़ नहीं देते (Muskurana Chhod Nahin Dete)

जाने क्यों वो हमें देखकर मुस्कुराना छोड़ नहीं देते वो सनम भी नहीं हैं मेरे मैं हमदम भी नहीं उनका। JAANE KYON WO HAMEIN DEKHKAR MUSKURAANA CHHOD NAHIN DETE WO SANAM BHI NAHIN HAIN MERE MAIN HAMDAM BHI NAHIN UNKA