बिछड़े हैं जबसे तुमसे ,तुम्हें याद करते हैं।
ए-खुदा मिले कभी हम, फ़रियाद करते हैं।
पलकें कभी उठाना ,पलकें कभी झुकाना ,,
उलझन में जैसे खुदसे सवाल करते हैं ;;
ए-खुदा मिले कभी हम फ़रियाद करते हैं।
चाँद का फलक पे आना ,आकर हमें सतना ;
सागर में आके लहरें जैसे चाँद करते हैं ;;
ए-खुदा मिले कभी हम फ़रियाद करते हैं।
''''शायरी ''''
उनकी हर शोख -अदा परेशान करती है !
चाहते हैं कह दे उनसे ,पर हर कोशिश नाकाम होती है।
कैसे उन्हें भुलाएं, कह भी कभी न पाएं,,
ये जुबान भी मुझसे धोके बार-बार करती है
ए-खुदा मीलें कभी हम फ़रियाद करते हैं।
ए-खुदा मिले कभी हम, फ़रियाद करते हैं।
पलकें कभी उठाना ,पलकें कभी झुकाना ,,
उलझन में जैसे खुदसे सवाल करते हैं ;;
ए-खुदा मिले कभी हम फ़रियाद करते हैं।
चाँद का फलक पे आना ,आकर हमें सतना ;
सागर में आके लहरें जैसे चाँद करते हैं ;;
ए-खुदा मिले कभी हम फ़रियाद करते हैं।
''''शायरी ''''
उनकी हर शोख -अदा परेशान करती है !
चाहते हैं कह दे उनसे ,पर हर कोशिश नाकाम होती है।
कैसे उन्हें भुलाएं, कह भी कभी न पाएं,,
ये जुबान भी मुझसे धोके बार-बार करती है
ए-खुदा मीलें कभी हम फ़रियाद करते हैं।
BICHHDE HAIN JABSE TUMSE ,TUMHEIN YAAD KARTE HAIN
AYE-KHUDA MILE KABHI HAM FARIYAAD KARTE HAIN .2PALKEIN KABHI UTHAANA ,PALKEIN KABHI JHUKAANA ..
ULJHAN MEIN JAISE KHUDSE SAWAL KARTE HAIN
AYE-KHUDA ..............................KARTE HAIN
CHAND KA FALAK PE ANAA AAKAR HAMEIN SATANA 2
SAGAR MEIN AAKE LEHREIN JAISE CHAND KARTE HAIN
AYE-KHUDA MILE KABHI HAM FARIYAAD KARTE HAIN .2
BICHHDE HAIN JAB..................KARTE HAIN
AYE .............................................KARTE HAIN.
''' shayari'''
''''UNKI HAR SHOKH ADA PARESHAAN KARTI HAI
CHAHTE HAIN KEH DEN UNSE PAR HAR KOSHISH
NAKAAM HOTI HAI '''''
KAISE UNHEIN BHULAAEIN
KEH BHI KABHI NA PAAYEIN
YE JUBAAN BHI MUJHSE DHOKHE BAAR-BAAR KARTI HAIN
AYE KHUDA......................FARIYAAD ....KAR....HAIN.2
BICHHDE..................YAAD .........................ARTE HAIN
AYE.....................FARI...............................KA........HAIN.
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